जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दिल्ली के तबलीगी जमात के जलसे के मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा या रिटायर्ड जज से कराने की मांग की है ताकि इसको लेकर जिम्मेदारी तय हो सके। धर्म के आधार पर सवाल नहीं उठाए जाने चाहिए क्योंकि किसी भी धर्म या समुदाय के व्यक्ति से गलती हो सकती है।
इस मामले में जो दोषी हों उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। इस मामले की जांच होनी चाहिए ताकि यह स्पष्ट हो सके कि दोषी कौन हैं। जो दोर्षी पाए जाएं उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। मुख्यमंत्री गहलोत ने मंगलवार को एक समाचार एजेंसी से बातचीत में कहा कि इस जांच से यह भी स्पष्ट हो जाएगा कि इसमें प्रशासन की भी गलती है या नहीं।
क्या है यह मामला
राजधानी दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन स्थित मरकज में एक से 15 मार्च के बीच 2000 से अधिक लोग तबलीगी जमात में हिस्सा लेने पहुंचे थे। इसमें देश औऱ विदेश से कई लोग शामिल हुए थे, जबकि मरकज के आसपास और दिल्ली के करीब 500 से ज्यादा लोगों ने इसमें हिस्सा लिया था।
कोरोनावायरस के चलते एक ओर जहां लोगों को अधिक भीड़-भाड़ वाले इलाकों में जाने से रोका जा रहा था वहीं उस दौरान यहां कई लोग इकट्ठा हो रहे थे। तबलीगी जमात का हिस्सा बनने वाले कई लोग कोरोनावायरस संक्रमित पाए गए थे। ये लोग कई जगहों पर फैल गए जिससे कई और लोग भी संक्रमित हो गए।
क्या है तबलीगी जमात : मरकज़ का मतलब केंद्र होता है और तबलीग का मतलब है अल्लाह और कुरान, हदीस की बात दूसरों तक पहुंचाना। वहीं जमात का मतलब समूह से है। तबलीगी जमात यानी एक ग्रुप की जमात। तबलीगी मरकज का मतलब इस्लाम की बात दूसरे लोगों तक पहुंचाने का केंद्र।